गीलेपन की बजह से बच्चों को फंगल इन्फेक्शन ( पैरों की उंगलियों के बीच में सड़न ) हो जाता है, जिसे हम किसी किसी गाँव मे खुरा के नाम से भी जानते है।
बारिश का मौसम बाङा सुहाना होता है बच्चो को बारिश में मस्ती करने में बड़ा ही मजा आता है। लेकिन मस्ती के साथ साथ गीलेपन की बजह से बच्चों को फंगल इन्फेक्शन ( पैरों की उंगलियों के बीच में सड़न ) हो जाता है, जिसे हम किसी किसी गाँव मे खुरा के नाम से भी जानते है। फंगल इन्फेक्शन सिर्फ बच्चों को ही नही होता है ये बच्चो से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी हो सकता है। फंगल इन्फेक्शन (खुरा) केवल पैरों की उंगलियों में नही बल्कि हाथों की उंगलियों में भी हो सकता है। इसलिए दोस्तो आज हम जानेगे की इस रोग से बचने के लिए हमे क्या उपाय करना चाहिए या अगर किसी को हो जाये तो इसे ठीक कैसे करेंगे। सबसे पहले हम जानेंगे कि फंगल इन्फेक्शन होता क्या है, यह कैसा दिखता है। तो चलिए जानते है।
फंगल इन्फेक्शन ( खुरा ) होता क्या है?
फंगल इन्फेक्शन पैरों की उंगलियों अथवा हांथो की उंगलियों के बीच में हो सकता है। हमारे भारत देश मे ज्यादातर पैरों की उंगलियों में ही यह इन्फेक्शन होता है। उंगलियों के बीच मे एक प्रकार का घाव हो जाता है, इसे सड़न भी कहा जाता है, यह रोग बहुत ही पीड़ा दायक होता है। फंगल इन्फेक्शन की कुछ तस्वीरें यहां दिखा रहा हूँ इन्हें अच्छी तरह देखें और अगर ये आपको या परिवार में किसी और व्यक्ति को है तो इसे ठीक कैसे करे इसका उपाय भी जाने। सबसे पहले हम जानेगे की फंगल इन्फेक्शन होता क्यो है और किस बजह से होता है।
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फंगल इन्फेक्शन ( खुरा ) |
फंगल इन्फेक्शन ( खुरा, सड़न ) कैसे होता है?
फंगल इन्फेक्शन अधिकतर बारिश के मौसम में ज्यादा होता है क्योंकि बारिश के मौसम में हमारे पैर ज्यादा समय तक गीले रहते हैं जिसकी बजह से पैरों की उंगलियों के बीच मे त्वचा कमजोर होकर गलने लगती है और इसमें सड़न हो जाती है। कभी कभी यह प्रॉब्लम गर्मियों में भी आ जाती है यह पैरों में पसीना आने की बजह से होता है। पैरों में पसीना आने से उंगलियां सूखी नही रहती और फंगल इन्फेक्शन हो जाता है। ज्यादातर व्यकि दिनभर पैरों में मोजे ( shauks ) और जूते ( shooj ) पहनते हैं। जिससे उंगलियों में पसीना आता रहता है और सड़न जैसे घाव बन जाते है ।
फंगल इन्फेक्शन से कैसे बचें?
फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए हमे कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए इसके लिए गीलेपन से बचना बहुत जरूरी होता है। पैरों को पानी मे भीगने से जितना हो सके उतना बचा के रखें। अगर आप शॉकस और शूज का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं तो हर एक दो घंटे बाद अपने पैरों को शूज और शॉकस से बाहर निकालकर दस से पंद्रह मिनिट तक पैरों को हवा में सुखाएं ताकि उंगलियों का पसीना सुख जाए इससे उंगलियों में सड़न होने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है।
फंगल इन्फेक्शन को ठीक केसे करे ?
फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने के कुछ उपाय है जो मे आपको वताना चाहता हूँ सबसे पहले आप अपने पैरों को अच्छो तरह धो लें लेकिन याद रहे कि साबुन का प्रयोग बिल्कुल भी न करें । अब उंगलियों को अच्छी तरह से कपड़े से पोंछ लें ताकि उनमे बिल्कुल भी नमी न रहे। अब जानते हैं कुछ घरेलू उपाय-
1. मीठा तेल ( vegetable oil, cooking oil ) -
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मीठा तेल ( cooking oil ) |
मीठा तेल सभी घरों में आसानी से मिल जाता है । खाना बनाने के लिए तो हम मीठे तेल का उपयोग करते ही हैं तो आपको ये करना है कि थोड़ा सा मीठा तेल पैरों को अच्छी तरह साफ करने के बाद सुबह शाम पैरों की उंगलियों में जहाँ इन्फेक्शन है बहां लगाना है और लगा रहने देना है। रात में भी तेल को लगाना है दो तीन दिन लगातार ऐसा करने से यह रोग ठीक हो जाएगा।
2. मेंहदी के पत्ते और सरसों का तेल -
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मेंहदी के पत्ते
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सरसों का तेल। |
सबसे पहले आप अपने पैरों को पानी सेअच्छी तरह धो ले फिर कपड़े से साफ कर लें ताकि उनमे नमी न रहे उसके थोड़ा सा सरसों का तेल किसी कटोरी में ले लें और उसे उंगलियों की सहायता से पैरों की उंगलियों के घाव पर लगाएं। अब मेंहदी के पत्तों को कूट लें या थोड़ा पीस लें और उन घावों पर लगाएं और किसी कपड़े से 1 - 2 घंटे के लिए बांध लें । ऐंसा सुबह और शाम रोज 2- 3 दिन तक करें खुरा ठीक हो जाता है।
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