Monday 30 September 2019

How to change any tractor ignition switch.

Today we will learn about to change any tractor's ignition switch. That can change anybody at home it is very simple process but for that person Attention and Precautions are Mandatory. It is strictly rule for this work because it may be dangerous. Resulting of mistakes all other wiring of tractor may be burn. So please collect some knowledge of electrical wiring system  after than change the ignition switch. It is very simple process not enough knowledge is necessary. Now start the changing of ignition switch of tractor. In my video there is a swaraj tractor and i am changing ignition switch of this tractor.


First of all we will open the front panel of tractor where the ignition switch is attached and remove the ignition switch from panel. Now remove first of all Battery plus wire from switch's pin no. 1And will put in 1 no. pin in the new switch . There is marking on the switch old switch and new switch both. Now place all other wires in new switch same type like second pin's wire of place in new switch's second pin and third no. pin wire on third no. pin of new switch.





chabi switch or ignition switch changing of any tractor

CEILING FAN SLOW SPEED PROBLEM

CEILING FAN SLOW SPEED PROBLEM :- 

Main problem in ceiling fan is slow speed. now we can help you to solve this problem because we are also facing this problem for few months. After that I determined some cases for this problem and I checked by doing all thinks and problem solved. My problem is solved and I think if you have this problem than it may help to you. I think that everybody saw ceiling fan I am talking about below picture ceiling fan which is usually 230 volts AC ceiling fan.

Ceiling Fan 230 volts
There is some main problems in the ceiling fan so these are running in slow speed.



VOLTAGE :-  First of all we will check input voltage which should be about 220 - 240 volts. For checking the AC voltage we use Digital multimeter, which is normally available in in the market in price of about 150 rs. - 200 rs. Digital multimeter picture is given below -
DIGITAL MULTIMETER



CONDENSER ( CAPACITOR ) :- After checking voltage if voltage coming between 220 - 240 volts then voltage is correct, there is no problem in voltage. Now we will check the capacitor which is also called condenser. For checking the condenser we need 220 volts AC supply. Now give 220 volts supply to condenser's both wires for 2- 3 seconds only and don't touch by hand or any other part of body because this is dangerous there may be current due to charging. now touch both of wires each other, if this spark very good condition then capacitor is ok otherwise it may be weak or bad condition. Sometimes Capacitors may be weak. In that condition you should change the capacitor exactly same value. 

CAPACITOR
Note  : अगर आपको इलेक्ट्रिकल का बिलकुल भी जानकारी नहीं है तो कृपया इस काम को ना करें या फिर किसी इलेक्ट्रिकल एक्सपर्ट की मदद लेकर ही इस काम को करे क्योंकि यह कार्य जानलेवा हो सकता है इसलिए सोच समझ कर और ध्यान से पढ़कर ही यह कार्य करें |  अगर आपके साथ कोई ऐसी दुर्घटना घटती है तो इसके जिम्मेदार हम नहीं होंगे.

There is different values of capacitor for different voltage, that we can use for accuracy-

                  VOLTAGE                                            CAPACITOR VALUE
                  
                   220 - 250   Volts                                             2.25 uf.
                   180 - 210   Volts                                             3.15 uf.
                   120 - 150   Volts                                             4.00 uf.

BEARINGS :-  After check all above things now we will check both bearings of ceiling fan, if these bearings are tight or non oiled than it will do problem in running fan. fan will be take heavy load to run and during bearings after some times fan may be burnt. So if bearings is in bad condition, please change both bearings of ceiling fan. In maximum cases bearings are bad. 

Bearing In Bad Condition


WINDING DATA :-  If problem is not solved than this is the last condition. In many cases mechanic change the winding data like wire Gage, turns into stator etc. And after some time stator wire may be burnt from inside so it may weak. In that condition we need to change the stator or stator winding. Your problem will be finally solved.
CEILING FAN STATOR
That's all. Thanks 

Note  : अगर आपको इलेक्ट्रिकल का बिलकुल भी जानकारी नहीं है तो कृपया इस काम को ना करें या फिर किसी इलेक्ट्रिकल एक्सपर्ट की मदद लेकर ही इस काम को करे क्योंकि यह कार्य जानलेवा हो सकता है इसलिए सोच समझ कर और ध्यान से पढ़कर ही यह कार्य करें |  अगर आपके साथ कोई ऐसी दुर्घटना घटती है तो इसके जिम्मेदार हम नहीं होंगे.

Sunday 29 September 2019

घर पे ही खराब हीटर की कॉइल से Soldering Iron ( सोल्डरिंग आयरन ) कैसे बनाते है ?

नमस्ते दोस्तो,
आज में बताने वाला हूँ कि घर पर ही हम हीटर की स्प्रिंग से बैट्री से चलने वाला सोल्डरिंग आयरन जिसे हम लोग कयैया भी कहते है कैसे बनाएं।
किस्मत की बात है कि आज ही मुझे सोल्डरिंग आयरन की जरूरत पड़ी और मेरा आयरन खराब हो गया तब मुझे आईडिया सूझा की क्यों न मैं सोल्डरिंग आयरन घर पर ही बनाऊ तब मैंने घर पे आयरन बनाने की सामग्री ढूंढ़ी तब मुझे एक बात और समझ मे आई कि हीटर जो गांव के अधिकतर घरों में उपयोग किया जाता है उसकी टूटी हुई स्प्रिंग से बनाया जा सकता है। फिर मैंने घर पर स्प्रिंग की खोज की और पुरानी स्प्रिंग मिल भी गई। फिर क्या था मैंने मेरा पुराना सोल्डरिंग आयरन लिया और उसी को बैटरी से चलने वाला बना लिया ।


Note  : अगर आपको इलेक्ट्रिकल का बिलकुल भी जानकारी नहीं है तो कृपया इस काम को ना करें या फिर किसी इलेक्ट्रिकल एक्सपर्ट की मदद लेकर ही इस काम को करे क्योंकि यह कार्य जानलेवा हो सकता है इसलिए सोच समझ कर और ध्यान से पढ़कर ही यह कार्य करें |  अगर आपके साथ कोई ऐसी दुर्घटना घटती है तो इसके जिम्मेदार हम नहीं होंगे.  


चलो अब सोल्डरिंग आयरन बनाने की विधि जानते है
सोल्डरिंग बनाने के लिए कुछ सामान की जरूरत है -
1)        पुराना खराब सोल्डरिंग आयरन
खराब सोल्डरिंग आयरन

Sunday 22 September 2019

12 volt dc soldering iron using car heater plug kaise banaye homemade solution

Dear friends ,
Aaj hum batayenge ki 12 volt ki battery se chalne wala soldering iron kaise banaye wo bhi ghar par aur kam kimat me. Ise hum 12 volt dc soldering iron kahte hai. Isko banane ke liye hume car me lagne wale heater plug ki jarurat padegi. Yah market me hardware ki dukan par lagbhag 60 - 70 rs me mil jayega. Ye dikhne me aisa hota hai.
Heater plug
Ise banane ke liye hume chahiye neeche di gayi kuch cheezon ki zarurat padegi -

1. Heater plug :- Sabse pahle hume soldering iron ki main cheez heater plug ki jarurat hogi jo ki market me aasani se mil jayegi. Heater plug lagbhag 60 -90 rs. me market me kisi bhi auto parts ki shop par mil jayega. Yah heater cars, magic, van, etc ke engine ko garm karne me use hota hai. Heater ka upar wala hissa jisme choodiyan bani hui hain, minus hota hai aur jo sabse upar ki taraf dikhaya gaya hai wo hissa plus hota hai, in dono wires ko kisi battery se current dene par yah garm hota hai.

2. Copper patti :- copper patti jaisa ki photo me dikhayi gayi hai iski hume jarurat hogi, agar aap chahen to copper patti ki jagah 2 mm ki copper rod bhi le sakte hai. Yah aapki jarurat ke upar depend karta hai ki aapko kitni moti ya patli knob banani hai.

Copper Patti / Strip
3. 2 copper wires 2.5 se 5 mm mote aur lagbhag 3 - 4 fit lambe. taki aap wires ko battery se connect karke aasaani se apna kam kar sako. Neeche photo me pura wire ka bundal dikhaya gaya hai, aapko jitni jarurat ho bus usi hisab se aapko wire lena hai.

copper wire bundal


Monday 16 September 2019

पैरों की उंगलियों में खुरा (फंगल इन्फेक्शन) ठीक करने का घरेलू उपाय



गीलेपन की बजह से बच्चों को फंगल इन्फेक्शन ( पैरों की उंगलियों के बीच में सड़न ) हो जाता है, जिसे हम किसी किसी गाँव मे खुरा के नाम से भी जानते है। 

बारिश का मौसम बाङा सुहाना होता है बच्चो को बारिश में मस्ती करने में बड़ा ही मजा आता है। लेकिन मस्ती के साथ साथ गीलेपन की बजह से बच्चों को फंगल इन्फेक्शन ( पैरों की उंगलियों के बीच में सड़न ) हो जाता है, जिसे हम किसी किसी गाँव मे खुरा के नाम से भी जानते है। फंगल इन्फेक्शन सिर्फ बच्चों को ही नही होता है ये बच्चो से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी हो सकता है। फंगल इन्फेक्शन (खुरा) केवल पैरों की उंगलियों में नही बल्कि हाथों की उंगलियों में भी हो सकता है। इसलिए दोस्तो आज हम जानेगे की इस रोग से बचने के लिए हमे क्या उपाय करना चाहिए या अगर किसी को हो जाये तो इसे ठीक कैसे करेंगे। सबसे पहले हम जानेंगे कि फंगल इन्फेक्शन होता क्या है, यह कैसा दिखता है। तो चलिए जानते है।

फंगल इन्फेक्शन ( खुरा ) होता क्या है?
फंगल इन्फेक्शन पैरों की उंगलियों अथवा हांथो की उंगलियों के बीच में हो सकता है। हमारे भारत देश मे ज्यादातर पैरों की उंगलियों में ही यह इन्फेक्शन होता है। उंगलियों के बीच मे एक प्रकार का घाव हो जाता है, इसे सड़न भी कहा जाता है, यह रोग बहुत ही पीड़ा दायक होता है। फंगल इन्फेक्शन की कुछ तस्वीरें यहां दिखा रहा हूँ इन्हें अच्छी तरह देखें और अगर ये आपको या परिवार में किसी और व्यक्ति को है तो इसे ठीक कैसे करे इसका उपाय भी जाने। सबसे पहले हम जानेगे की फंगल इन्फेक्शन होता क्यो है और किस बजह से होता है।
फंगल इन्फेक्शन ( खुरा )

फंगल इन्फेक्शन ( खुरा, सड़न ) कैसे होता है?
फंगल इन्फेक्शन अधिकतर बारिश के मौसम में ज्यादा होता है क्योंकि बारिश के मौसम में हमारे पैर ज्यादा समय तक गीले रहते हैं जिसकी बजह से पैरों की उंगलियों के बीच मे त्वचा कमजोर होकर गलने लगती है और इसमें सड़न हो जाती है। कभी कभी यह प्रॉब्लम गर्मियों में भी आ जाती है यह पैरों में पसीना आने की बजह से होता है। पैरों में पसीना आने से उंगलियां सूखी नही रहती और फंगल इन्फेक्शन हो जाता है। ज्यादातर व्यकि दिनभर पैरों में मोजे ( shauks ) और जूते ( shooj ) पहनते हैं। जिससे उंगलियों में पसीना आता रहता है और सड़न जैसे घाव बन जाते है ।

फंगल इन्फेक्शन से कैसे बचें?
फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए हमे कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए इसके लिए गीलेपन से बचना बहुत जरूरी होता है। पैरों को पानी मे भीगने से जितना हो सके उतना बचा के रखें। अगर आप शॉकस और शूज का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं तो हर एक दो घंटे बाद अपने पैरों को शूज और शॉकस से बाहर निकालकर दस से पंद्रह मिनिट तक पैरों को हवा में सुखाएं ताकि उंगलियों का पसीना सुख जाए इससे उंगलियों में सड़न होने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है।

फंगल इन्फेक्शन को ठीक केसे करे ?
फंगल इन्फेक्शन को ठीक  करने  के कुछ उपाय है जो मे आपको वताना चाहता हूँ सबसे पहले आप अपने पैरों को अच्छो तरह धो लें लेकिन याद रहे कि साबुन का प्रयोग बिल्कुल भी न करें । अब उंगलियों को अच्छी तरह से कपड़े से पोंछ लें ताकि उनमे बिल्कुल भी नमी न रहे। अब जानते हैं कुछ घरेलू उपाय-
1.   मीठा तेल ( vegetable oil, cooking oil ) -
मीठा तेल ( cooking oil )

मीठा तेल सभी घरों में आसानी से मिल जाता है । खाना बनाने के लिए तो हम मीठे तेल का उपयोग करते ही हैं तो आपको ये करना है कि थोड़ा सा मीठा तेल पैरों को अच्छी तरह साफ करने के बाद सुबह शाम पैरों की उंगलियों में जहाँ इन्फेक्शन है बहां लगाना है और लगा रहने देना है। रात में भी तेल को लगाना है दो तीन दिन लगातार ऐसा करने से यह रोग ठीक हो जाएगा।

2.  मेंहदी के पत्ते और सरसों का तेल -

मेंहदी के पत्ते


सरसों का तेल।
सबसे पहले आप अपने पैरों को पानी सेअच्छी तरह धो ले फिर कपड़े से साफ कर लें ताकि उनमे नमी न रहे उसके थोड़ा सा सरसों का तेल किसी कटोरी में ले लें और उसे उंगलियों की सहायता से पैरों की उंगलियों के घाव पर लगाएं। अब मेंहदी के पत्तों को कूट लें या थोड़ा पीस लें और उन घावों पर लगाएं और किसी कपड़े से 1 - 2 घंटे के लिए बांध लें । ऐंसा सुबह और शाम रोज 2- 3 दिन तक करें खुरा ठीक हो जाता है।


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Sunday 1 September 2019

रसायन बिज्ञान ( मानव जीवन में रसायन ) Self study - Part 3

बहुलक योगिक अनेक छोटे छोटे अणुओ के परस्पर संयुक्त होने से बनते है।
संश्लेषित रबड़ कृत्रिम स्रोतों से पायी जाने वाली रबड़ को कहते है।
अन्तरिक्ष यानों को बनाने के लिए सबसे महत्व पूर्ण बस्तु कार्बन फाइबर को उपयोग में लाया जाता है।
अंतरिक्ष यानों में उच्च ताप पैदा करने के लिये सबसे ज्यादा ज्वलनशील हाईड्रोजन गैस का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि हाईड्रोजन गैस का ऊष्मीय मान सभी ईधनो में सबसे अधिक होता है तथा हाईड्रोजन को भविष्य का ईधन भी कहा जाता है।
प्लास्टिक को कैसे बनाते है?
प्लास्टिक बनाने के लिए असंतृप्त हाईड्रोकार्बन का बहुलिकरण किया जाता है जिससे एक उच्च बहुलक प्राप्त होता है उसे प्लास्टिक कहते है। असंतृप्त हाईड्रोकार्बन जैसे एथिलीन, प्रोपिलीन आदि।

सामान्य विज्ञान(मानव जीवन मे रसायन)self study- part 2

ट्रिनाईट्रोटोलिन का प्रयोग बम तथा तारपिण्डो को बनाने में किया जाता है।
ब्लास्टिंग जेलेटिन में नाइट्रोसेलुलोस तथा नाइट्रोग्लिसरीन का क्रमशः अनुपात 7% तथा 93% होता है।
डाइनामाइट अविष्कार सन 1863 में अल्फ़्रेड नोबेल ने किया था।
डाइनामाइट को बांध ,सुरंग एवं सड़क बनाने तथा पत्थरों को तोड़ने में प्रयोग में लाया जाता है।
आरडीएक्स (RDX) को रासायनिक नाम में साइक्लो ट्राइमेथिलिन ट्राईनाइट्रेमीन के नाम से जाना जाता है।
किसी यंत्र , फर्श एवं नालियों की सफाई के लिए विसंक्रामक रसायनों का प्रयोग किआ जाता है।
पेनिसिलिन नामक एंटीबायोटिक की खोज सर्वप्रथम वर्ष 1929 में ए.फ्लेमिंग (A.flaming) नामक व्यक्ति ने की थी।
सिलिका तथा सोडियम एवं कैल्शियम सिलिकेंट का समांगी मिश्रण साधारण कांच बनाने के लिए किया जाता है।
पोटेशियम क्लोराइड रसायन का प्रयोगक कांच को कठोर बनाने के लिए किया जाता है।